ज्यामिति की परिभाषा, ज्यामिति के सूत्र, ट्रिक्स और उदाहरण

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चलिए आज हम ज्यामिति की परिभाषा, सूत्र, ट्रिक्स और उदाहरण की जानकारी पढ़ते और समझते हैं।

ज्यामिति की परिभाषा

ज्यामिति रेखागणित या ज्यामिति गणित की तीन विशाल शाखाओं में से एक हैं ज्यामिति के अंतर्गत बिंदुओं, रेखाओं, तलों और ठोस चीजों के गुण तथा इसके स्वभाव, मापन और उनके अंतरिक्ष में सापेक्षिक स्थिति के बारे में अध्ययन किया जाता हैं।

सबसे पहले जब भूमि का नाम लिया गया तब ज्यामिति की शुरुआत हुई इसलिए तब से इसे भूमिति भी कहाँ गया।

शुरुआत में यह अध्ययन रेखाओं से घिरे क्षेत्रों के गुणों तक ही सीमित रहा जिसके कारण ज्यामिति का नाम रेखागणित भी हैं।

ज्यामिति के सूत्र

  • वर्ग की परिमाप = 4 × a
  • वर्ग का क्षेत्रफल = (भुजा × भुजा) = a²
  • वर्ग का क्षेत्रफल = ½ × (विकर्णो का गुणनफल) = ½ × d²
  • आयत का परिमाप = 2(लम्बाई + चौड़ाई)
  • घन का आयतन = भुजा × भुजा × भुजा = a³
  • घन का परिमाप = 4 a²
  • घन का विकर्ण = √3 × भुजा
  • आयत का क्षेत्रफल = लंबाई × चौड़ाई
  • आयत का विकर्ण = √(लंबाई² + चौड़ाई²)
  • समलम्ब चतुर्भुज का क्षेत्रफल = ½ (समान्तर भुजाओं का योग x ऊंचाई)
  • समलम्ब चतुर्भुज का परिमाप P = a + b+ c + d
  • विषमकोण चतुर्भुज का क्षेत्रफल = ½ × दोनों विकर्णो का गुणनफल
  • समचतुर्भुज की परिमाप = 4 × एक भुजा
  • समचतुर्भुज का सम्पबंध = (AC)² + (BD)² = 4a²
  • चक्रीय चतुर्भुज का क्षेत्रफल = √[s(s – a) (s – b) (s – c) (s – c)]
  • चक्रीय चतुर्भुज का परिमाप = ½ (a + b + c + d)
  • वृत्त का क्षेत्रफल = π r²
  • वृताकार वलय का क्षेत्रफल = π (R² – r²)
  • अर्द्धवृत्त का क्षेत्रफल = ½ πr²
  • त्रिज्याखण्ड का क्षेत्रफल = θ/360° × πr²
  • चाप की लम्बाई = θ/360° × 2πr
  • वृतखण्ड का क्षेत्रफल = (πθ/360° – ½ sinθ)r²
  • घनाभ का आयतन = l × b × h
  • घनाभ का परिमाप = 2(l + b) × h
  • घनाभ के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2(lb + bh + hl)
  • कमरें के चारों दीवारों का क्षेत्रफल = 2h (l + b)
  • बेलन का आयतन = πr²h
  • बेलन का वक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल = 2πrh
  • बेलन का सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2πr (h + r)
  • शंकु का आयतन = ⅓ πr²h
  • शंकु के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = πrl
  • गोले का वक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल = 4πr²
  • गोला का आयतन = ⁴⁄₃ πr³
  • अर्द्ध गोला का आयतन = ²⁄₃ πr³

कोण (Angle)

1. समकोण (Right Angle) :- जिस कोण की एक भुजा का मान 90° हो वो समकोण कहलाता हैं।

2. न्यूनकोण (Acute Angle) :- जिस कोण की माप 90° से कम होती हैं उसे न्यूनकोण कहते हैं।

3. अधिक कोण (Obtuse Angle) :- किसी कोण की माप 90° से अधिक किन्तु 180° से कम होती हैं उसे अधिक कोण कहते हैं।

4. पुनयुक्त कोण (Reflex Angle) :- जो कोण दो समकोण से बड़ा किन्तु चार समकोण से छोटा होता हैं उसे पुनयुक्त कोण कहते हैं।

5. ऋजुकोण (Straight Angle) :- जिस कोण की माप 180° के बराबर हैं उसे ऋजुकोण कहते हैं।

6. कोटीपुरक कोण (Complementary) :- यदि दो कोणों की मापों का जोड़ 90° हो तो वे परस्पर पूरक या कोटीपुरक कहलाते हैं।

7. सम्पूरक कोण (Supplementary) :- यदि दो कणों की मापों का जोड़ 180° हो तो वे परस्पर सम्पूरक कोण कहलाते हैं।

ज्यामिति से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु

1. यदि कोई किरण किसी रेखा पर आधारित हो तो इस प्रकार बने दो आसन्न कोणों का योग 180° होता हैं।

2. त्रिभुज के तीनों कोणों का योग 180° होता हैं।

3. चतुर्भुज के चारों कोणों का योग 360° होता हैं।

4. n भुजाओं के संबहुभुज का प्रत्येक अन्तः कोण = (2n – 4)/n समकोण होता हैं।

5. n भुजाओं के संबहुभुज का प्रत्येक बहिष्कोण = 4/n समकोण होता हैं।

6. यदि किसी त्रिभुज की एक भुजा बड़ाई जाए तो इस प्रकार बना बहिष्कोण दो अभिमुख अन्तः कोणों के योग के बराबर होता हैं।

7. किसी त्रिभुज की समान भुजाओं के सम्मुख कोण बराबर होते हैं।

8. किसी चाप द्वारा केंद्र पर बनाया गया कोण उस चाप द्वारा व्रत के शेष भाग पर स्थित किसी बिंदु पर बनाए गए कोंण का दुगुना होता हैं।

9. एक ही वृतखण्ड के कोण समान होते हैं।

10. किसी चक्रीय चतुर्भुज के सम्मुख कोणों का योग 180° होता हैं। एक ही आधार पर तथा एक ही समांतर रेखाओं के मध्य बने समांतर चतुर्भुजों के क्षेत्रफल बराबर होते हैं।

11. एक समकोण त्रिभुज के कर्ण का वर्ग अन्य दो भुजाओं के वर्गों के योग के बराबर होता हैं।

12. एक ही आधार पर तथा एक ही समांतर रेखाओं के मध्य बने त्रिभुज क्षेत्रफल में समान होते हैं।

13. यदि एक त्रिभुज का कोण दूसरे त्रिभुज के कोण के बराबर हो और ये भुजाएं, जिनके अंतर्गत ये कोण हैं एक ही अनुपात में हों तो त्रिभुज समरूप होते हैं।

14. त्रिभुज की माध्यिकाओं के कटान बिंदु को त्रिभुज का मध्य केंद्र कहते हैं।

15. किसी त्रिभुज की भुजाओं के लम्ब समद्विभाजक जिस बिंदु से होकर जाते हैं उसे परिकेन्द्र कहते हैं।

16. त्रिभुज के कोणों में समद्विभाजक जिस बिंदु पर मिलते हैं, उसे त्रिभुज का अन्तः केंद्र कहते हैं।

17. किसी त्रिभुज में शीर्ष बिंदुओ से सम्मुख भुजाओं पर डाले गए लम्बो के कटान बिंदु को त्रिभुज का लम्ब केंद्र कहते हैं।

ज्यामिति के सवाल

Q.1 उस कोण की माप क्या हैं जो अपने पूरक कोण का चार गुना हैं?
A. 72°
B. 36°
C. 108°
D. 90°

हल: माना कि कोण की माप = x°
तो इसका पूरक कोण = (90° – x°)
x° = 4 (90° – x°)
x° = 360° – 4x°
x° + 4x° = 360°
5x° = 360°
x° = 360°/5
x° = 72°
Ans. 72°

Q.2 उस कोण की माप क्या हैं जो अपने पूरक कोण की माप से 20° अधिक हैं।
A. 50°
B. 55°
C. 60°
D. 75°

हल: माना कि कोण की माप = x°
तो इसका पूरक कोण = (90° – x°)
x° = (90° – x°) + 20°
x° = 90° – x° + 20
x ° = 110° – x°
x° + x° = 110°
2x° = 110°
x° = 110°/2
x° = 55°
Ans. 55°

Q.3 उस कोण की माप क्या हैं जिसका सम्पूरक कोण, उसके पूरक कोण का छः गुणा हैं?
A. 57°
B. 60°
C. 65°
D. 72°

हल: माना कि कोण की माप = x°
तो इसका सम्पूरक कोण = (180° – x°)
तथा पूरक कोण = (90° – x°)
(180° – x°) = 6 (90° – x°)
180° – x° = 540 – 6 x°
x° + 6 x° = 540° – 180°
5x° = 360
x° = 360/5
x° = 72°
Ans. 72°

Q.4 उस कोंण की माप क्या हैं जिसका पूरक कोण और सम्पूरक कोण का योग 120° हैं?
A. 75°
B. 80°
C. 85°
D. 90°

हल: माना कि कोण की माप = x°
तो इसका पूरक कोण = (90° – x°)
तो इसका सम्पूरक कोण = (180° – x°)
(90° – x°) + (180° – x°) = 120
90° + 180° – x° – x° = 120°
270° – 2x° = 120°
270° – 120° = 2x°
150° = 2x°
x° = 150/2
x° = 75°
Ans. 75°

Q.5 किसी बहुभुज के अन्तः कोणों का जोड़ 8 समकोण हैं, तो बहुभुज में भुजाओं की संख्या क्या हैं?
A. 5
B. 6
C. 7
D. 8

हल: माना, भुजाओं की संख्या = n
2 (n – 2) = 8
2n – 4 = 8
2n = 8 + 4
2n = 12
n = 6
Ans. 6

Q.6 एक त्रिभुज का एक कोण 82° हैं अन्य दो कोण 2 : 5 के अनुपात में हैं त्रिभुज का सबसे छोटा कोण हैं?
A. 14°
B. 25°
C. 28°
D. 32°

हल: प्रश्ननानुसार.
त्रिभुज का एक कोण = 82°
अन्य दो कोणों का योग = 180° – 82°
= 98°
सबसे छोटा कोण = (98° × 2)/(2 + 5)
= 98° × 2/7
= 14 × 2
= 28°
Ans. 28°

Q.7 किसी व्रत के सेक्टर का क्षेत्रफल A माना तथा चाप की लम्बाई I मानी, तो व्रत की त्रिज्या होगी?
A. A/L
B. A/2L
C. 2A/L
D. 3A/2L

हल: व्रत के सेक्टर का क्षेत्रफल = πr² Θ/360°
= A
तथा चाप की लम्बाई = 2πr × Θ/360°
= L
अतः व्रत की त्रिज्या = r
= 2A/L
Ans. 2A/L

Q.8 एक 6 सेमी. त्रिज्या वाले व्रत में केंद्र से 8 सेमी. वाली जीवा पर डाले गए लम्ब की दूरी होगी?
A. √5 सेमी.
B. 2√5 सेमी.
C. 2√7 सेमी.
D. √7 सेमी.

ज्यामिति
हल: ∆CQM में,
(कर्ण)² = (आधार)² + (लम्ब)²
(CQ)² = (MQ)² + (CM)²
(6)² = (4)² + (CM)²
36 = 16 + (CM)²
36 – 16 = (CM)²
(CM)² = 2
CM = √20
CM = 2√5 सेमी.
Ans. 2√5 सेमी.

Q.9 A, B और C तीन बिंदु इस प्रकार हैं कि AB² = AC² + BC² । यदि A और B बिंदु स्थिर हो, तो बिंदु C का बिंदु पथ होगा?
A. एक सरल रेखा
B. AB व्यास का वृत
C. एक दीर्घ वृत
D. इसमें से कोई नहीं

हल:- प्रश्नानुसार,
AB² = AC² + BC²
ACB = 90°
अतः C का बिंदु AB व्यास पर खींचा गया एक व्रत होगा।
Ans. AB व्यास का वृत

Q.10 एक त्रिभुज का एक कोण 82° हैं अन्य दो कोण 2 : 5 के अनुपात में हैं त्रिभुज का सबसे छोटा कोण हैं?
A. 14°
B. 25°
C. 28°
D. 32°

हल:- प्रश्नानुसार,
अन्य दो कोणों का योग = 180° – 82°
= 98°
सबसे छोटा कोण = (98° × 2)/(2 + 5)
= (98° × 2)/7
= 14° × 2
= 28°
Ans. 28°

Q.11 किसी वृत के सेक्टर का क्षेत्रफल A माना तथा चाप की लम्बाई I मानी, तो वृत की त्रिज्या होंगी?
A. A/l
B. A/2l
C. 2A/l
D. 3A/2l

हल:- प्रश्नानुसार,
व्रत के सेक्टर का क्षेत्रफल = πr² Θ/360°
व्रत के सेक्टर का क्षेत्रफल = A
तथा चाप की लम्बाई = 2πr × Θ/360°
तथा चाप की लम्बाई = l
अतः वृत की त्रिज्या = r = 2A/l
Ans. 2A/l

Q.12 यदि त्रिभुज ABC तथा PQR में AB/PQ = BC/QR = 1/2 तथा ∠B = ∠Q = 60° हो, तो PR/AC होगा?
A. √3/2
B. 1/2
C. 2
D. 1

हल:- प्रश्नानुसार,
त्रिभुजों ABC तथा PQR में,
AB/PQ = BC/QR = ½
तथा ∠B = ∠Q = 60°
∆ABC तथा ∆PQR समरूप हैं।
PR/AC = QR/BC = 2/1
Ans. 2/1

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