बहुपद की परिभाषा, सूत्र, प्रकार और उदाहरण

इस पेज पर हम बहुपद की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए।

पिछले पेज पर हमने क्षेत्रमिति और त्रिकोणमिति की जानकारी शेयर की हैं तो उसे भी पढ़े।

चलिए आज हम बहुपद की समस्त जानकारी इस पोस्ट के माध्यम से पढ़ते और समझते हैं।

बहुपद किसे कहते हैं

प्रारंभिक बीजगणित में धन (+) और ऋण (-) चिह्नों से संबंद्ध कई पदों के व्यंजक को बहुपद कहते हैं।

अर्थात चर, अचर, चर के गुणांक तथा ऋणेतर घातांक के जोड़, घटाव या गुणन की क्रिया वाले बीजगणितीय व्यंजक को बहुपद कहा जाता हैं।

a + a₁x + a₂x² + a₃x³ +…………………… + anxⁿ के रूप में रहने वाले व्यंजक को बहुपद कहते हैं।

जहाँ a, a₁, a₂, a₃ ……an अचर वास्तविक संख्याएँ है और n पूर्ण संख्या हैं।

जैसे :-

  • 2x⁵ + 4xy³ + 6x²
  • 4y³+ y² + yz
  • 3x + x² – x⁴
  • 5x⁶y + 6px²yx² – 8ax

घात n वाले एक चर x वाले बहुपद को निम्न रूप में व्यक्त किया जाता हैं।

P(x) = anxⁿ + an-1 xⁿ⁻¹ +…………+ a₁x + a₀

जहाँ an ≠ 0 और an, a n -1, a₁, a₀ = अचर

बीजीय बहुपद (Algebraic Polynomial)

चर एवं अचर बहुपद को शामिल करने से जो पद प्राप्त होता हैं उसे बीजीय बहुपद कहा जाता हैं।

जैसे :-

  • x + 2
  • x + 6
  • y − 4
  • 64 + a

बीजीय बहुपद दो प्रकार के होते हैं।

  • अचर बहुपद
  • चर बहुपद

1. अचर बहुपद

बहुपद का ऐसा पद जिसका मान हमेशा स्थिर रहता हैं वह अचर बहुपद कहलाता हैं।

जैसे :-

  • 4x + 5,
  • 2x – 2,
  • 8y – 5,

2 और 5 अचर बहुपद है क्योंकि इनका मान सदैव स्थिर रहता हैं।

Note :-

2. चर बहुपद

बहुपद का ऐसा पद जिसका मान हमेशा बदलता रहता हैं वह चर बहुपद कहलाता हैं।

जैसे :-

  • x² + 4x + 2
  • 2x² + 4x + 8

Note :-

  • चर बहुपद कभी भी काल्पनिक नही होता हैं।
  • चर बहुपद को x, y, z द्वारा सूचित किया जाता हैं।

बहुपद की पहचान

यदि किसी व्यंजक के सभी पदों का घात एक धनात्मक पूर्णाक होता हो, तो वह बहुपद कहलाता हैं।

यदि कीसी व्यंजक का घात, भिन्न, ऋणात्मक पूर्णाक या अपरिमेय संख्या होता है, तो वह बहुपद नहीं कहलाता हैं।

जैसे :-

  • 2x² -x +0 एक बहुपद है क्योकि x का घात धनात्मक हैं।
  • x² +√2 एक बहुपद हैं।
  • √x +√2 बहुपद नहीं है क्योकि x का घात परिमेय संख्या नही हैं।
  • 4 + x⁻² बहुपद नही है क्योंकि यह घात ऋणात्मक हैं।

बहुपदों का घात

बहुपदों में चर का महत्तम घात बहुपद का घात कहलाता हैं।

जैसे :-

  • 3x² + x + 5 में चर की अधिकतम घात 2 हैं।
  • 5x³ + 2x + 8 में चर की अधिकतम घात 3 हैं।
  • 8x⁴ + 5x + 12 में चर की अधिकतम घात 4 हैं।

घात के अधार पर बहुपदों को निम्न वर्गों में विभाजित किया गया है जो इस प्रकार हैं।

1. शून्य बहुपद (Zero Polynomials) :- p(x) = 0 को शून्य बहुपद कहते हैं।

2. रैखिक बहुपद (Linear Polynomials) :- एक घात वाली बहुपद को रैखिक बहुपद कहते हैं।

जैसे :- ax + 5, जहाँ a ≠ 0 आदि

3. द्विघात बहुपद (Quadratic Polynomials) :- दो घात वाली बहुपदों को द्विघात बहुपद कहा जाता हैं।

जैसे :- ax² + bx + 6, जहाँ a ≠ 0 द्विघात बहुपद हैं।

4. त्रिघात बहुपद (Cubic Polynomials) :- तीन घात वाले बहुपद को त्रिघात बहुपद कहते हैं।

जैसे :- ax² + bx² + cx + 5 जहाँ a ≠ 0, एक त्रिघात बहुपद हैं।

5. एकपदी बहुपद (Monomial) :- एक पद वाले बहुपद को एकपदी बहुपद कहते हैं।

जैसे :- x, 2x, 3y², 5a³

6. द्विपदी बहुपद (Binomial) :- दो पदों वाले बहुपद को द्विपदी बहुपद कहते हैं।

जैसे :- x + 2, 2x² + 5 , 2y² − 4, 5a³ + 7

7. त्रिपदी बहुपद (Trinomial) :- तीन पदों वाले बहुपद को त्रिपदी बहुपद कहते हैं।

जैसे :-

  • x² + 2x + 5
  • 2x³ + x² – 5x
  • 4x³ − 4x² – 8x

बहुपद का शून्ययक (Zeroes of Polynomials)

किसी बहुपद के चर के वे सभी मान जो बहुपद को शून्य के तुल्य कर दे वह मान बहुपद का शून्ययक कहलाता हैं।

जैसे :- ax + b का शून्ययक -b/a होता हैं।

बहुपद के शून्यक एवं गुणांक में सम्बन्ध

1. रैखिक बहुपद :- p(x) = ax + b जहाँ a ≠ 0 हो, तो

p(x) का शून्ययक 1 होता हैं। –b/a = – (अचर पद) / (x का गुणांक)

2. द्विघात बहुपद :- p(x) = ax² + bx + c, जहाँ a ≠ 0 का शून्ययक 2 होता हैं। उन्हें ग्रीक अक्षर α (अल्फा) और β (बीटा) से व्यक्त किया जाता हैं।

  • शून्यक (α, β) = – b ± √(b² – 4ac) / 2a
  • शून्यको का योगफल (α + β) = –b/a = अचर / (x का गुणांक)
  • शून्यको का गुणनफल = c/a = अचर/(x का गुणांक)
  • ax² + bx + c = (α – x) (β – x)

3. त्रिघात बहुपद :- P(x) = ax³ + bx² + cx + d, a ≠ 0 के तीन शुन्यक होते हैं जिन्हें क्रमशः α (अल्फा) β (बीटा) और γ (गामा) से व्यक्त किया जाता हैं।

  • α + β + γ = -b/a = x² का गुणांक/x³ का गुणांक
  • αβ + βγ + γα = c/a = x का गुणांक/x³ का गुणांक
  • αβγ = अचर पद/x³ का गुणांक

शेषफल प्रमेय (Remainder Theory)

यदि p(x) बहुपद (Bahupad) हो, जिसका घाट (n > 1) को (x – a) से भाग दिया जाता है, तो शेषफल P(a) होता हैं।

जैसे :- x – a = 0 इसलिए x = a

Note :-

बहुपद P(x) में ( x + a) से भाग देने पर शेषफल P(-a) होता हैं।
बहुपद P(x) में ( ax + b) से भाग देने पर शेषफल P(-b/a) होता हैं।

मान लीजिए P(x) एक या एक से अधिक घात वाला कोई बहुपद है और मान लीजिए कि a कोई वास्तविक संख्या है। यदि P(x) को रैखिक बहुपद (x – a) से विभाजित किया जाता है, तो शेषफल P(a) होता है।

उदाहरण :- शेषफल ज्ञात कीजिए जब x⁴ – 6x² + x³ + 5x + 1 को x – 1 से विभाजित किया जाता है।

हल:- मान लीजिए P(x) = x⁴ – 6x² + x³ + 5x + 1
x – 1 का शून्यक x – 1 = 0
x = 1 है।
इसलिए P(x), x = 1 पर,
P(1) = (1)⁴ – 6(1)² + (1)³ + 5(1) + 1
P(1) = 1 – 6 + 1 + 5 + 1
= 8 − 6
= 2
शेषफल 2 है।
Ans. 2

गुणनखंड प्रमेय (Factor Theorem)

यदि p(x) कोई बहुपद हो, जिसका घाट (n > 1) हो (x – 1) से भाग देने पर शेषफल P(a) = 0 हो (x – a), p(a) का एक गुणनखंड होता हैं।

परिमेय व्यंजक :- P(x) और q(x) दो बहुपद हो और q(x) ≠ 0, तो P(x) / q(x) को परिमेय व्यंजन कहते हैं।

यदि बहुपद P(x) को बहुपद G(x) से विभाजित किया जाए और शेषफल R(x) = 0 हो तो बहुपद G(x) बहुपद P(x) का एक गुणनखंड होगा या हम कह सकते हैं कि यदि G(x), P(x) का एक गुणनखंड है, तो शेषफल R(x) शून्य (0) होगा।

उदाहरण :- जाँच करें कि क्या x – 3 बहुपद x³ – 3x² + 4x – 12 का एक गुणनखंड है।

हल:- मान लीजिए P(x) = x³ – 3x² + 4x – 12
हम जानते हैं कि यदि (x – 3), P(x) का एक गुणनखंड है तो शेषफल 0 होगा।
x – 3 का शून्यक x – 3 = 0
x = 3
P(x) में x = 3 रखने पर,
P(3) = (3)³ – 3(3)² + 4(3) – 12
P(3) = 27 – 3(9) + 12 – 12
P(3) = 27 – 27 + 12 – 12
P(3) = 0
∵ शेषफल 0 है इसलिए (x – 3), बहुपद p(x) का गुणनखंड है।
Ans. 0

Note :-

यहाँ शून्यक x = 3 है इसलिए गुणनखंड x – 3 है। यदि हमे शून्यक पता हैं तो हम गुणनखंड ज्ञात कर सकते हैं और यदि हमे किसी बहुपद का गुणनखंड पता हैं तो हम शून्यक ज्ञात कर सकते हैं।

बहुपद से सम्बंधित महत्वपूर्ण बिंदु

1. बहुपद के घात के बढ़ते क्रम या घटते क्रम का रूप बहुपद का मानक रूप कहलाता हैं।

2. बहुपद के चर का उच्चतम घात बहुपद का घात कहलाता हैं।

3. दो बहुपदों का योगफल, अंतर और गुणनफल हमेशा एक बहुपद होता हैं।

4. दो बहुपदों का भाग हेमशा बहुपद नहीं होता हैं।

5. द्विघात बहुपद में शुन्यकों की संख्या दो α (अल्फा) और β (बीटा) होती हैं।

6. त्रिघात बहुपद में शुन्यकों की संख्या तीन यानि α (अल्फा) β (बीटा) और γ (गामा) होती हैं।

7. प्रत्येक बहुपद एक परिमेय व्यंजक होता है, लेकिन प्रत्येक परिमेय व्यंजक बहुपद नही होता हैं।

8. P(x) और q(x) बहुपद हो और q(x) ≠ 0, तो P(x) / q(x) एक परिमेय व्यंजक होता है। यह बहुपद तभी होगा, जब q(x), P(x) का एक गुणनखंड होगा।

9. P(x) / q(x), q(x) ≠ 0 का गुणात्मक व्युत्क्रम q(x) / P(x) होता है जब P(x) ≠ 0

10. किसी भी बहुपद का गुणा शून्य के साथ शून्य ही होता हैं।

11. P(x) / q(x) लघुत्तम रूप में तभी कहलाएगा, जब P(x), q(x) का महत्तम समपवर्त्तक = 1 हो।

बहुपद का जोड़, घटाना, गुणा, भाग

चलिए अब पहुपद के जोड़, घटाना, गुणा, भाग के सवालों को हल करना सीखते हैं।

बहुपदों का जोड़

जब हम दो या दो से अधिक बहुपदो को जोड़ते हैं तो केवल समान पद जोड़े जाते हैं इसका अर्थ है कि समान चर और समान घात वाले पद जोड़े जाते हैं। असमान पदों को नहीं जोड़ा जाएगा, वो अपरिवर्तित रहेंगे। जोड़ में, परिणामी बहुपद की घात समान रहती हैं।

Q.1 बहुपद 5x² + 4x + 2 और 8x² + 2x + 5 को जोड़िए?

हल:- 5x² + 4x + 2 + 8x² + 2x + 5
(5x² + 8x²) + (4x + 2x) + (2 + 5)
13x² + 6x + 7
Ans. 13x² + 6x + 7

Q.2 बहुपद 3a² + 5ab + 2 और 7a² + 6 + 9ab को जोड़िए?

हल:- 3a² + 5ab + 2 + 7a² + 6 + 9ab
(3a² + 7a²) + (5ab + 9ab) + (2 + 6)
10a² + 14ab + 8
Ans. 10a² + 14ab + 8

Q.3 बहुपद 3ab³ + 6xy⁴ + 4x² और 8x² + 12ab³ + 2xy⁴ को जोड़िए?

हल:- 3ab³ + 6xy⁴ + 4x² + 8x² + 12ab³ + 2xy⁴
(6xy⁴ + 2xy⁴) + (3ab³+ 12ab³) + (4x² + 8x²)
8xy⁴ + 15ab³ + 12x²
Ans. 8xy⁴ + 15ab³ + 12x²

Q.4 बहुपदो 4x² + 8xy + 5y² और 8y² – 3xy + 3x² को जोड़िए

हल:- 4x² + 8xy + 5y² + 8y² – 3xy + 3x²
(4x² + 3x²) + (8xy – 3xy) + (6y² + 8y²)
7x² + 5xy + 14y²
Ans. 7x² + 5xy + 14y²

बहुपदो का घटाना

बहुपदों का घटाव बहुपदों के योग के समान ही होता है। इसमें समान पदों को घटाया जाता है और असमान पदों में कोई परिवर्तन नहीं होता है। इसमें भी परिणामी बहुपद की घात वही रहेगी।

Q.1 बहुपद 5xy + 8xy² + 6x²y + 8y³ को 3xy + 2xy² + x²y + 2Y³ में से घटाएं।

हल:- (5xy + 8xy² + 6x²y + 8y³) – (3xy² + 2xy² + x²y + 2Y³)
(8y³ − 2Y³) + (6x²y − x²y) + (8xy² − 2xy²) + (5xy − 3xy)
5y³ + 5x²y + 6xy² + 2xy
Ans. 5y³ + 5x²y + 6xy² + 2xy

बहुपदों का गुणा

जब दो या दो से अधिक बहुपदों को गुणा किया जाता है तो परिणाम हमेशा उच्च घात वाला बहुपद होता है। लेकिन दो बहुपदों में, यदि एक या दोनों बहुपद अचर बहुपद हों तो घात वही रहेगी। बहुपदों के गुणा में, समान चरों की घातो को घातांक के नियमों द्वारा जोड़ा जाता है।

Q.1 बहुपद 2x ⨯ 4y का गुणा कीजिए?

हल:-2x ⨯ 4y
= (2 ⨯ 4) ⨯ (x ⨯ y)
= 8xy
Ans. 8xy

Q.2 बहुपद 5a ⨯ 8b का गुणा कीजिए?

हल:- 5a ⨯ 8b
= (5 ⨯ 8) ⨯ (a ⨯ b)
= 40ab
Ans. 40ab

Q.1 बहुपद 7t ⨯ 2s ⨯ 3r का गुणा कीजिए?

हल:- 5a ⨯ 2b ⨯ 7c
= (5 ⨯ 2 ⨯ 7)⨯(a ⨯ b ⨯ c)
= 70 abc
Ans. 70 abc

Q.4 बहुपद 3p²q² ⨯ 12p³q³ का गुणा कीजिए?

हल:- 3p²q² ⨯ 12p³q³
(3 ⨯ 12) ⨯ (p² ⨯ p³ ⨯ q² ⨯ q³)
= 36 p⁵q⁵
Ans. 36 p⁵q⁵

बहुपदों का भाग

बहुपद के विभाजन में, परिणाम कम घात वाला बहुपद होता है और यदि बहुपदों में से एक अचर बहुपद है तो घात वही रहेगी।

Q.1 बहुपद 6a² ÷ 3a से भाग कीजिए?

हल:- 6a² ÷ 3a
3 ⨯ 2 ⨯ a ⨯ a/3 ⨯ a
2a
Ans. 2a

Q.2 बहुपद (2xy + 6x) ÷ 2x से भाग दीजिए?

हल:- (2xy + 6x) ÷ 2x
= (2xy + 6x)/2x
= 2x(y + 3)/2x
= y + 3
Ans. y + 3

Q.1 बहुपद जीरो को क्या कहा जाता है?


Ans. चर के वास्तविक मान जिसके लिए बहुपद का मान 0 हो जाता है, बहुपद शून्य कहलाते हैं । 

Q.2 5 पदों वाला बहुपद क्या है?


Ans. पांच पदों वाले बहुपद को क्विंट्रिनोमियल बहुपद कहा जाता है।

Q.3 बहुपद गुणांक क्या है?


Ans. गणित में, गुणांक एक बहुपद, एक श्रृंखला, या किसी अभिव्यक्ति के कुछ पदों में एक गुणक कारक होता है। उदाहरण के लिए, बहुपद में. चर के साथ और. , पहले दो पदों में गुणांक 7 और −3 हैं। तीसरा पद 1.5 अचर गुणांक है।

Q.4 बहुपद का आविष्कार किसने किया था?


Ans. अलेक्जेंड्रिया के डायोफैंटस

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